एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष दवारा कोपेनहेगन में गनहरी द्वारा यातना एवं अन्य दुर्व्यवहार विषय पर आयोजित एनएचआरआई के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्बोधन
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली, 8 नवंबर, 2023
एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष दवारा कोपेनहेगन में गनहरी द्वारा यातना एवं अन्य दुर्व्यवहार विषय पर आयोजित एनएचआरआई के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्बोधन
इस दौरान उन्होंने कहा कि, यातना पहुँचाना , अपराधियों पर मुकदमा चलाने और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर समझौता नहीं किया जा सकता है;
अदालतों में जनहित याचिका और एनएचआरसी द्वारा स्वत: संज्ञान लेना पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए भारतीय न्यायशास्त्र के अद्वितीय उपकरणों में से एक है।
न्यायपालिका की तर्ज पर एनएचआरआई का सम्मान करने के लिए समाज और सरकार में एक संस्कृति का पोषण आवश्यक है
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने आज कहा कि हमें यातना के खतरे को खत्म करने के लिए समाज को अधिक मानवीय और सभ्य बनाने के लिए सामूहिक रूप से काम करना होगा, जिसके शिकार ज्यादातर गरीब और असहाय व्यक्ति होते हैं। यातना के पीड़ितों को न्याय प्रदान करने के लिए, हमें प्रतिशोधात्मक न्यायशास्त्र के बजाय बहाली , क्षतिपूर्ति और मुआवज़े पर विचार करना होगा।
एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष ने कहा कि किसी व्यक्ति पर यातना एवं अन्य दुर्व्यवहार के प्रति न्यायिक अधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाना ही भविष्य की योजना है। एनएचआरआई, न्यायपालिका और अन्य पर्यवेक्षी अधिकारियों को इस मुद्दे के समाधान के लिए राज्य मशीनरी, नागरिक समाज और मानव अधिकार संरक्षकों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
एनएचआरआई के सलाहकार क्षेत्राधिकार का उपयोग हिरासत के स्थानों में आत्महत्याओं को रोकने, मानसिक स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने और मानसिक अस्पतालों, किशोर न्याय घरों, आश्रय घरों और नशा मुक्ति केंद्रों की रहने की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। एनएचआरआई और उनके विशेष प्रतिवेदकों/मॉनीटरों द्वारा औचक दौरे और निरीक्षण इस उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। एनएचआरआई को मानव अधिकार जवाबदेही पर सरकार और संसद को सलाह देनी चाहिए, अत्याचार को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति को बढ़ावा देना चाहिए, अपारदर्शिता के खिलाफ लड़ना चाहिए और कानून के शासन के लिए सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए।