एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा द्वारा कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप का उद्घाटन
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली, 5 फरवरी, 2024
एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा द्वारा कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप का उद्घाटन
इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से चयनित विश्वविद्यालय स्तर के 94 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं
ऑनलाइन सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षुओं को मानव अधिकार के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा
जेलों, पुलिस स्टेशनों और सरकारी/एनजीओ द्वारा संचालित कुछ आश्रय गृहों की कार्यप्रणाली को समझने के लिए वर्चुअल दौरा भी इंटर्नशिप का हिस्सा होगा
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत द्वारा आज इस कैलेंडर वर्ष की पहली और वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी ऑनलाइन शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप शुभारंभ किया गया। इसका उद्घाटन करते हुए अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने कहा कि जन्म से सभी मनुष्य समान हैं। मानव अधिकार वे अविभाज्य अधिकार हैं जो मनुष्य को उसके जन्म से ही प्राप्त होते हैं। हालाँकि, जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था, ये अधिकार केवल हमारे कर्तव्यों का निर्वहन करके प्राप्त किए जा सकते हैं और कोई भी अधिकार कर्तव्यों के बिना नहीं आता है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि हमें हाशिये के वर्गों को समाज की मुख्यधारा में आने और अन्य लोगों की तरह विशेषाधिकारों और अधिकारों का उपभोग करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्य हासिल करना ही आगे बढ़ने का रास्ता है। तकनीकी प्रगति ने मानव जीवन को कई फायदे तो दिए हैं लेकिन साथ ही नुकसान भी पहुंचाए हैं। साइबरस्पेस के दुरुपयोग के कारण साइबर अपराध और मानव दुर्व्यापार सहित मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप का उद्देश्य विषय विशेषज्ञेां की मदद से युवा पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन सहित मानवता के सामने आने वाली इन सभी चुनौतियों से अवगत कराना और मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए काम करना है।
एनएचआरसी, भारत के महासचिव, श्री भरत लाल ने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षु मानव अधिकारों के महत्व को समझने और जागरूकता फैलाने के लिए इस इंटर्नशिप का सर्वोत्तम उपयोग करेंगे। जिन छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है, उन्हें इसे एक दुर्लभ अवसर के रूप में लेना चाहिए। छात्रों को विषय विशेषज्ञों द्वारा मानव अधिकार संबंधी मुद्दों के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा, इसके अलावा जेलों, पुलिस स्टेशनों और सरकार/एनजीओ द्वारा संचालित कुछ आश्रय गृहों सहित विभिन्न संस्थानों की कार्यप्रणाली को समझने के लिए उन्हें वर्चुअल दौरे कराए जायेगें।।
प्रशिक्षुओं का स्वागत करते हुए, संयुक्त सचिव, श्री देवेन्द्र कुमार निम ने इंटर्नशिप का संक्षिप्त विवरण दिया, जो मानव अधिकार जागरूकता के निर्माण के लिए आयोग के एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में विश्वविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों के बीच काफी लोकप्रिय है। श्री निम ने प्रशिक्षुओं से अनुरोध किया कि वे उनका लक्ष्य केवल प्रमाण-पत्र प्राप्त करना न हो, बल्कि वे मानव अधिकारों के मशाल वाहक बनें और मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए एनएचआरसी और कमजोर एवं हाशिए के समुदायों के बीच एक सेतु बनें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षु किसी भी सत्र में अनुपस्थित नहीं रहेंगे और उन्होंने यह भी बताया कि एनएचआरसी अपने प्रशिक्षण और इंटर्नशिप कार्यक्रमों को एनएएसी और अन्य निकायों से मान्यता प्राप्त कराने के लिए काम कर रहा है। इस अवसर पर रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, संयुक्त सचिव, श्रीमती अनिता सिन्हा और अन्य अधिकारी, जेआरसी तथा अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से चयनित 94 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
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