एनएचआरसी, भारत ने अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 19 नवंबर, 2024

एनएचआरसी, भारत ने अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया

अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि आयोग इस इंटर्नशिप को भविष्य में मानव अधिकार संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को तैयार करने के अवसर के रूप में उपयोग करता है

कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से विश्वविद्यालय स्तर के विविध शैक्षणिक विषयों के 60 छात्र भाग ले रहे हैं

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम 18 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से विश्वविद्यालय स्तर के विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 60 छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, एनएचआरसी, भारत के महासचिव, श्री भरत लाल ने प्रशिक्षुओं को इस अवसर का उपयोग मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं को आत्मसात करने और सभी मनुष्यों के मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सार्थक योगदान देने के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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श्री भरत लाल ने कहा कि भारत ने लगातार उत्पीड़ित समुदायों को शरण दी है, जो सार्वभौमिक भाईचारे के प्रति देश की प्रतिबद्धता और सहानुभूति तथा करुणा के भारत के लोकाचार को प्रदर्शित करता है। आयोग इस इंटर्नशिप को भविष्य में मानव अधिकार संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को तैयार करने के अवसर के रूप में उपयोग करता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को भारतीय संविधान में निहित विचारों और उन आदर्शों को वास्तविकता में बदलने के लिए विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और एनएचआरसी द्वारा की गई पहल पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से, प्रशिक्षुओं को मानव अधिकारों की बेहतर समझ प्राप्त होगी, समाज के कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशीलता और जवाबदेही विकसित होगी।

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इंटर्नशिप कार्यक्रम का अवलोकन देते हुए, एनएचआरसी, भारत के संयुक्त सचिव, श्री देवेन्द्र कुमार निम ने कहा कि मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रख्यात वक्ताओं द्वारा सत्रों के अलावा प्रशिक्षुओं को मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों/प्रतियोगिताओं से भी अवगत कराया जाएगा। उनके काम और चुनौतियों को प्रत्यक्ष रूप से समझने के लिए उन्हें तिहाड़ जेल, पुलिस स्टेशनों और शेल्टर होम जैसे संस्थानों के वर्चुअल दौरों पर भी ले जाया जाएगा।

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