एनएचआरसी, भारत ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में सीवेज पंपिंग स्टेशन की सफाई करते समय दम घुटने से दो श्रमिकों की कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 24 जनवरी, 2025

एनएचआरसी, भारत ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में सीवेज पंपिंग स्टेशन की सफाई करते समय दम घुटने से दो श्रमिकों की कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया

आयोग द्वारा गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है रिपोर्ट के अनुसार 21 जनवरी, 2025 को गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में एक भूमिगत सीवेज पंपिंग स्टेशन में फंसने के बाद दो श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई। कथित तौर पर, यह घटना तब हुई जब श्रमिक बिना किसी सुरक्षा गियर के सीवेज पंपिंग स्टेशन की सफाई करने के लिए अंदर गए थे। पीड़ित पाटडी नगर निगम के संविदा कर्मचारी थे।

आयोग ने पाया है कि अगर यह सच है तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। सर्वोच्च न्यायालय ने डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ (डब्ल्यूपी(सी) संख्या 324/2020) दिनांक 20.10.2023 के मामले में पारित अपने फैसले में माना है कि सीवर आदि की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों का कर्तव्य है।

आयोग लगातार पर्याप्त और उचित सुरक्षात्मक/सुरक्षा गियर या उपकरण के बिना जोखिमभरे सफाई कार्य की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने समर्थन करता रहा है और साथ ही काम के अनुकूल और प्रौद्योगिकी आधारित रोबोटिक मशीनों के उपयुक्त उपयोग का समर्थन करता रहा है। आयोग ने 24 सितंबर, 2021 को केंद्र, राज्य सरकारों और स्थानीय अधिकारियों को जोखिमभरे सफाई कार्य में लगे व्यक्तियों के मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए एक परामर्शी जारी की, जिसका उद्देश्य ऐसी प्रथा का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करना है।

आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें मामलों की जांच की स्थिति के साथ-साथ पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) की जानकारी भी शामिल होने की अपेक्षा है।

21 जनवरी, 2025 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के अलावा, हाल के दिनों में कई अन्य घटनाएं हुईं, जहां राज्य में सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण श्रमिकों की कथित तौर पर दम घुटने से मौत हो गई। इनमें दिसंबर, 2024 में भरूच जिले में चार प्रवासी श्रमिकों की मौत की घटना शामिल है, जिसमे आसवन इकाई से जहरीली गैस रिसाव के कारण श्रमिक जान गंवा बैठे, जहां वे कार्यरत थे।