एनएचआरसी, भारत ने तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में एक निजी औद्योगिक इकाई में बिना किसी सुरक्षा गियर के सीवेज टैंक की सफाई करते समय दम घुटने से तीन श्रमिकों की मौत और एक अन्य की हालत गंभीर होने की खबर का स्वतः संज्ञान लिया
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 27 मई, 2025
एनएचआरसी, भारत ने तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में एक निजी औद्योगिक इकाई में बिना किसी सुरक्षा गियर के सीवेज टैंक की सफाई करते समय दम घुटने से तीन श्रमिकों की मौत और एक अन्य की हालत गंभीर होने की खबर का स्वतः संज्ञान लिया
आयोग ने तमिलनाडु को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी
रिपोर्ट में मामले की जांच और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) की स्थिति को शामिल किया जाना अपेक्षित
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है रिपोर्ट के अनुसार 19 मई, 2025 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में एक निजी औद्योगिक इकाई में बिना किसी सुरक्षा गियर के सीवेज टैंक की सफाई करने के लिए उसमें घुसने के बाद तीन श्रमिकों की मौत हो गई जबकि एक अन्य की हालत दम घुटने से गंभीर हो गई। कथित तौर पर, वे तिरुप्पुर के कराईपुदुर क्षेत्र में एक रंगाई मिल में कार्यरत थे और उन्हें कारखाने के सीवेज टैंक को साफ करने के लिए कहा गया था।
आयोग ने पाया है कि अगर सामग्री सही है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। सर्वोच्च न्यायालय ने डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ (डब्ल्यूपी (सी) संख्या 324/2020) दिनांक 20.10.2023 के मामले में पारित अपने फैसले में कहा है कि सीवर आदि की सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना स्थानीय अधिकारियों और अन्य एजेंसियों का कर्तव्य है।
आयोग लगातार पर्याप्त और उचित सुरक्षात्मक/सुरक्षा गियर या उपकरण के बिना जोखिम भरी सफाई की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का समर्थन करता रहा है और काम के अनुकूल तथा प्रौद्योगिकी आधारित रोबोटिक मशीनों के उपयुक्त उपयोग की भी समर्थन करता रहा है। आयोग ने 24 सितंबर, 2021 को संघ, राज्य सरकारों और स्थानीय अधिकारियों को जोखिम भरे सफाई कार्य में लगे व्यक्तियों के मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए एक परामर्शी जारी की, जिसका उद्देश्य इस तरह की प्रथा का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करना है।
आयोग ने तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में मामले की जांच की स्थिति के साथ-साथ पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) की स्थिति का विवरण शामिल होने की अपेक्षा है।
21 मई, 2025 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टैंक में उतरने के कुछ ही देर बाद चारों का दम घुटने लगा और फिर वे गिर पड़े। सहकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला और एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन उनमें से तीन की जान नहीं बच सकी। मृतक अनुसूचित जाति के थे।