एनएचआरसी, भारत ने दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पावधि इंटर्नशिप कार्यक्रम प्रारंभ किया
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 12 अगस्त, 2025
एनएचआरसी, भारत ने दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पावधि इंटर्नशिप कार्यक्रम प्रारंभ किया
एनएचआरसी के सदस्य, न्यायमूर्ति (डॉ.) बिद्युत रंजन षड़ंगी ने इंटर्न्स से मानव अधिकार रक्षक के रूप में विकसित होकर प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा का दायित्व उठाने का आह्वान किया
देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के 1,957 आवेदकों में से चयनित 80 विश्वविद्यालय-स्तरीय छात्र भाग ले रहे हैं
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत का दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पावधि इंटर्नशिप (ओएसटीआई) कार्यक्रम नई दिल्ली में प्रारंभ हुआ। देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 1,957 आवेदकों में से 80 विश्वविद्यालय-स्तरीय छात्रों का चयन इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए किया गया है। इस दो सप्ताह के कार्यक्रम का उद्देश्य इंटर्न्स में मानव अधिकार, संबंधित कानूनों और संस्थागत तंत्र की गहन समझ विकसित करना है।
अपने उद्घाटन भाषण में एनएचआरसी के सदस्य, न्यायमूर्ति (डॉ.) बिद्युत रंजन षड़ंगी ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा करना गरिमा, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के साथ जीवन जीने के लिए अनिवार्य है। इसलिए, मानव अधिकार से संबंधित मुद्दों की समझ विकसित करना दूसरों के अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मानव अधिकार सरक्षकों (एचआरडी) के योगदान को महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इंटर्न्स इस इंटर्नशिप का पूरा लाभ उठाकर विषय विशेषज्ञों से मानव अधिकार के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखेंगे और जीवन भर मानव अधिकार संरक्षण के कार्य के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।
न्यायमूर्ति षड़ंगी ने संरक्षण अधिनियम (पीएचआर अधिनियम) के तहत एनएचआरसी के मिशन और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत नागरिकों को प्रदत्त समानता, स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार के संवैधानिक प्रावधानों का अवलोकन प्रस्तुत किया, जो मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) के अनुरूप हैं। उन्होंने एनएचआरसी के विभिन्न हस्तक्षेपों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संबंधी चिंताओं को मुख्यधारा में लाने जैसी पहलें शामिल हैं।
इससे पूर्व, एनएचआरसी की संयुक्त सचिव, श्रीमती सैडिंगपुई छकछुआक ने इंटर्नशिप कार्यक्रम का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पाठ्यक्रम में 46 सत्र होंगे, जिन्हें सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, एनएचआरसी अधिकारी एवं कोर समूह के सदस्य, शिक्षाविद, एचआरडी, विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि संबोधित करेंगे। इसके अतिरिक्त, इंटर्न्स को समूह शोध प्रस्तुतिकरण, पुस्तक समीक्षा, वाद-विवाद प्रतियोगिता तथा तिहाड़ जेल, एक थाने और आशा किरण शेल्टर होम के वर्चुअल भ्रमण के माध्यम से उनके कार्य एवं मानव अधिकार संबंधी चुनौतियों की समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल ज्ञान-वृद्धि ही नहीं बल्कि इंटर्न्स में संवेदनशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें मानव अधिकार के राजदूत के रूप में समाज में अधिक सार्थक योगदान देने हेतु सक्षम बनाने का भी उद्देश्य रखता है।
एनएचआरसी के संयुक्त सचिव, श्री समीर कुमार, निदेशक, लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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