पूर्वभूमिका राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग 28वां स्थापना दिवस 12 अक्टूबर, 2021 को 1100 बजे प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन, नई दिल्ली
पूर्वभूमिका
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
28वां स्थापना दिवस
12 अक्टूबर, 2021 को 1100 बजे
प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन, नई दिल्ली
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत 12 अक्टूबर, 2021 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में अपना 28वां स्थापना दिवस मना रहा है।
माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, श्री अमित शाह, माननीय केंद्रीय गृह मामले एवं सहकारिता मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) मुख्य अतिथि होंगे।
आयोग का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत आज ही के दिन यानी 12 अक्टूबर, 1993 को मानवाधिकारों के संवर्द्धन एवं संरक्षण के लिए किया गया था।
आयोग पिछले 28 वर्षों से स्थापना दिवस मना रहा है और इस कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि शामिल हुए हैं। ये समारोह मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए आयोग की प्रतिबद्धता की याद दिलाते हैं।
आयोग मानवाधिकारों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जाँच करता है और मानवाधिकारों के इस तरह के उल्लंघन से संतुष्ट होने पर पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान, अन्य उपचारात्मक और कानूनी उपायों के लिए लोक प्राधिकारियों को दोषी लोक सेवकों के खिलाफ सिफारिश करता है।
आयोग प्रशिक्षण मॉड्यूल/इंटर्नशिप, अनुसंधान परियोजनाओं, संगोष्ठियों/वेबिनार और अन्य विभिन्न प्रकाशनों के माध्यम से मानव अधिकारों के संवर्द्धन एवं संरक्षण के बारे में आवश्यक जागरूकता भी पैदा करता है।
एनएचआरसी,भारत को 1999 से राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन, गनहरी(GANHRI) के साथ 'ए' का दर्जा प्राप्त है, इसके अलावा, 1996 से एशिया पैसिफिक फोरम का संस्थापक सदस्य है।
एनएचआरसी के अध्यक्ष, सदस्य और अधिकारी एशिया पैसिफिक फोरम, गनहरी(GANHRI)और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के विभिन्न सत्रों में भाग लेते रहे हैं और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने में आयोग द्वारा निभाई जा रही भूमिका पर प्रकाश डाला है।
इसके अलावा, समाज के विभिन्न कमजोर और हाशिए के वर्गों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए इस संदर्भ में बीस परामर्शी,जैसे भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार, अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकार, मृतकों की गरिमा को बनाए रखने आदि के विषय में परामर्शी जारी की गई है।
महामारी के दौरान, 24*7 एनएचआरसी नियंत्रण कक्ष संकट में पड़े लोगों को आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं और जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था करने में मदद करने के लिए चालू था।
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, आयोग लगातार ऑनलाइन और डिजिटल मोड के माध्यम से काम करता रहा है, जिससे नागरिक देश के किसी भी हिस्से से निर्बाध रूप से शिकायत दर्ज कर सकें। इस अवधि के दौरान पीड़ित नागरिकों की शिकायतों और उपचारात्मक उपायों की जाँच जारी रही। इसके अलावा, आयोग ने सरकारी अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ कई वेबिनार आयोजित किए तथा उन्हें कोविड महामारी के दौरान उत्पन्न हुए कमजोर वर्गों के मुद्दों के बारे में संवेदनशील बनाया। आयोग ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से कई प्रशिक्षण/इंटर्नशिप कार्यक्रम भी आयोजित किए, अन्य शोध परियोजनाओं को अंजाम दिया और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों और वेबिनार दोनों में भाग लिया। कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने और सावधानियों का पालन करते हुए एनएचआरसी टीम द्वारा तत्काल प्रकृति के महत्वपूर्ण मामलों में कई घटनास्थलों का दौरा और निरीक्षण भी किया गया था।
पिछले कुछ वर्षों में, आयोग ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कई नई पहल की हैं। आयोग अब पूरी तरह से ई-ऑफिस प्रारूप में काम कर रहा है और अपने एचआरसीनेट पोर्टल को सभी राज्य प्राधिकरणों और एसएचआरसी के साथ जोड़ दिया है। शिकायतकर्ता तेज और कुशल तरीके से सीधे ऑनलाइन मोड के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं और आयोग के पोर्टल पर अपनी शिकायत की वास्तविक समय स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रणाली देश भर में फैले तीन लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों(कॉमन सर्विस सेण्टर )से भी जुड़ी हुई है।
आयोग ने गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और मानवाधिकार रक्षकों के साथ भी सक्रिय रूप से काम किया है। विभिन्न विशेषज्ञों को शामिल करने वाले विषयगत कोर समूहों ने सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के मूल्यांकन तथा उन पर सिफारिशें देने के लिए तंत्र तैयार करने में आयोग की मदद की है। विशेष निगरानीकर्ताओं और विशेष प्रतिवेदकों, जो आयोग की आंख और कान हैं, ने आयोग के अधिदेश को और भी महत्वपूर्ण बना दिया हैं।
स्थापना दिवस समारोह के लिए आयोग ने इस वर्ष अपने कर्मचारियों के लिए खेलकूद, चित्रकला, कविता और गायन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की हैं और स्टाफ सदस्यों के मेधावी बच्चों को भी सम्मानित किया है।