पूर्व भूमिका : एनएचआरसी का स्थापना दिवस, 2022 समारोह 9 अक्टूबर को सुबह 7.00 बजे कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में मानवाधिकारों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए "दौड़" के साथ शुरू होगा



नई दिल्ली, 6 अक्टूबर, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत 12 अक्टूबर, 2022 को अपना 29वां स्थापना दिवस मनाएगा। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद राज्य मानव अधिकार आयोगों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ संबंधों के सुदृढ़ीकरण पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा।

इसके अलावा, स्थापना दिवस से पहले, आयोग समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मानवाधिकार साक्षरता फैलाने के लिए रविवार, 09 अक्टूबर, 2022 को कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में एक "मानवाधिकार दौड़" का आयोजन कर रहा है जिसे एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। स्कूली बच्चों और एनएचआरसी सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों सहित लगभग 2,000 आमंत्रित प्रतिभागी इस "दौड़" में भाग लेंगे, जिसमें आम जनता भी भाग ले सकती है।

समारोह मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए आयोग की प्रतिबद्धता का अनुस्‍मारक है। आयोग प्रशिक्षण मॉड्यूल/इंटर्नशिप, अनुसंधान परियोजनाओं, संगोष्ठियों/वेबिनार और विभिन्न प्रकाशनों के माध्यम से मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के बारे में आवश्यक जागरूकता भी पैदा करता है।

आयोग मानवाधिकारों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, पूछताछ करता है और मानवाधिकारों का ऐसा उल्लंघन यदि पाता है, तो पीड़ितों को मुआवजे/मौद्रिक राहत के भुगतान के लिए, अन्य उपचारात्मक उपाय तथा दोषी लोक सेवकों के खिलाफ कानूनी उपायों की सिफारिशें करता है।

एनएचआरसी, भारत को 1999 से राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन, (गनहरी) के साथ 'ए' स्‍टेटस का दर्जा प्राप्त है, इसके अलावा, 1996 से एशिया पैसिफिक फोरम (APF) का संस्थापक सदस्य है।

एनएचआरसी के अध्यक्ष, सदस्य और अधिकारी एशिया प्रशांत मंच, गनहरी और संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद के विभिन्न सत्रों में भाग लेते रहे हैं और मानवाधिकार के मुद्दों पर आयोग द्वारा निभाई जा रही भूमिका और समय-समय पर समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों के अधिकारों पर आयोग द्वारा खासकर कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर और साथ ही हाल के दिनों में जारी की गई परामर्शियों पर प्रकाश डालते रहे हैं।

ऐसी 25 परामर्शियां जिसमें भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार, अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकार, मृतकों की गरिमा को बनाए रखना, ट्रक चालकों के अधिकार, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण शामिल हैं ।

पिछले कुछ वर्षों में, आयोग ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कई नई पहल की हैं। आयोग अब पूरी तरह से ई-ऑफिस प्रारूप में काम कर रहा है और अपने एचआरसीनेट पोर्टल को सभी राज्य प्राधिकरणों और अधिकांश राज्य मानव अधिकार आयोगों से जोड़ा है। कोई भी व्यक्ति तीव्र और कुशल तरीके से सीधे ऑनलाइन मोड के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है और आयोग के पोर्टल पर अपनी शिकायत की वास्तविक समय स्थिति को ट्रैक कर सकता है। ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रणाली देश भर में फैले तीन लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों से भी जुड़ी हुई है। हाल ही में, एनएचआरसी की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रणाली को भी राष्ट्रीय सरकारी सेवा पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।

आयोग ने गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और मानव अधिकार संरक्षकों के साथ भी सक्रिय रूप से काम किया है। विभिन्न विशेषज्ञों को शामिल करते हुए बारह विषयगत कोर समूहों ने आयोग को सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का मूल्यांकन करने और उस संबंध में सरकार को सिफारिशें करने के लिए तंत्र तैयार करने में मदद की है। विशेष निगरानीकर्ता और विशेष प्रतिवेदक जो आयोग की आंख और कान हैं, आयोग के अधिदेश को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।

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