राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के अध्यक्ष ने आयोग के तीन अधिकारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया; देश की निराधार आलोचना के प्रायोजित कृत्यों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के खिलाफ आगाह किया।
नई दिल्ली, 16 फरवरी, 2022
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने आज कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है जहां सभी को बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश के संस्थानों के खिलाफ निराधार आलोचना के प्रायोजित कृत्यों के खिलाफ आगाह किया।
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर संदेशों को फ़िल्टर करने का उपयोग दूसरों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जा सकता है, इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई बार साइबर स्पेस का दुरुपयोग व्यक्तियों और राष्ट्रों की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मानहानि के समान निराधार आलोचना के ऐसे दलदल का खंडन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, आयोग के सदस्या न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, डॉ. डी. एम. मुले और श्री राजीव जैन, वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में आयोग में अपने अन्वे षण प्रभाग के तीन अधिकारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सम्मानित अधिकारियों में श्री ओ. पी. व्यास, उप रजिस्ट्रा र (विधि) और तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक, श्री दुष्यंत सिंह, पुलिस उपाधीक्षक और श्री इंदर पाल सिंह, निरीक्षक (सेवानिवृत्त) शामिल थे। प्रत्येीक को एनएचआरसी स्मृति चिन्ह और प्रत्येक को 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि मानव अधिकार उल्लंघन की पीड़िता को न्याय सुनिश्चित करने के लिए आयोग के अन्वे्षण प्रभाग के अधिकारियों द्वारा घटनास्थाल पर जाकर जांच करना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। वर्ष 2002 से अब तक 21 पुलिस पदक आयोग के अन्वेबषण प्रभाग के अधिकारियों को दिए गए, जो उनकी पहचान की पुष्टि करता है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएचआरसी, भारत का कार्य, कार्यप्रणाली और संरचना दुनिया के किसी भी एनएचआरआई में अद्वितीय है।
इससे पहले, सभा को संबोधित करते हुए, श्री संतोष मेहरा, महानिदेशक (अन्वेनषण) ने विषम परिस्थितियों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में आयोग के अन्वेमषण प्रभाग के विभिन्न योगदानों पर प्रकाश डाला।
श्री बिम्बांधर प्रधान, महासचिव, एनएचआरसी ने भी आयोग के अन्वेरषण प्रभाग के अधिकारियों की कड़ी मेहनत के माध्यम से संस्थान के लिए प्रशंसा अर्जित करने के प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप 2002 से विशिष्ट और साथ ही सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक प्राप्त हुए। अब तक, एनएचआरसी के 20 अधिकारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और 01 अधिकारी को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
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