राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के प्रतिष्ठित चार-सप्ताह के ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम का समापन
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 11 जुलाई, 2025
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के प्रतिष्ठित चार-सप्ताह के ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम का समापन
देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से चयनित 80 छात्रों को मानव अधिकार संरक्षण और संवर्धन में आयोग की गतिविधियों तथा मानव अधिकारसमर्थन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए, एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री वी. रामसुब्रमण्यन ने कहा कि सच्ची सफलता करुणा के साथ लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में निहित है।
एनएचआरसी, भारत के महासचिव श्री भरत लाल ने प्रशिक्षुओं से कहा कि जीवन में अनिश्चितता के समय मूलभूत सिद्धांतों और मूल्यों पर मनन करें और उनके अनुरूप चलें, यही आगे बढ़ने का मार्ग है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत के प्रतिष्ठित चार-सप्ताह के ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम का समापन आज नई दिल्ली में हुआ। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से चयनित 80 छात्रों को मानव अधिकारों के समर्थन तथा मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण में आयोग की गतिविधियों के विविध पहलुओं से अवगत कराया गया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री वी. रामसुब्रमण्यन, अध्यक्ष, एनएचआरसी, भारत ने प्रशिक्षुओं से कहा कि वे भौतिक सुख-सुविधाओं की तुलना में मानवीय संबंधों और दयालुता को प्राथमिकता दें, जिससे साझा मानवता से जुड़ा एकजुट समाज विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए प्रशिक्षुओं के बीच बने आपसी रिश्ते ही इसकी असली पूंजी हैं।
इससे पूर्व, महासचिव श्री भरत लाल ने अपने मुख्य भाषण में प्रशिक्षुओं को बधाई देते हुए कहा कि प्रत्येक कार्य में उत्तम उद्देश्य और ईमानदारी बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सलाह दी कि प्रशिक्षुओं को न केवल यह देखना चाहिए कि उन्हें क्या करना है, बल्कि यह भी विचार करना चाहिए कि क्या नहीं करना चाहिए, क्योंकि छोटे से छोटा नैतिक निर्णय भी समाज पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में अनिश्चितता के समय वे आत्मचिंतन करें और मूलभूत सिद्धांतों तथा मूल्यों के अनुरूप निर्णय लें, यही आगे बढ़ने का सही मार्ग है।
एनएचआरसी, भारत की संयुक्त सचिव सुश्री सैदिंगपुई छकछुआक ने इंटर्नशिप रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कार्यक्रम की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया तथा पुस्तक समीक्षा, समूह शोध परियोजना प्रस्तुति और भाषण प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की।
समारोह का समापन राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें श्री आर. पी. मीणा, महानिदेशक (अन्वेषण), श्री जोगिंदर सिंह, रजिस्ट्रार (विधि), और श्री समीर कुमार, संयुक्त सचिव शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान, प्रशिक्षुओं ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों, वर्तमान और पूर्व केंद्रीय सचिवों, कई आयोगों और मंत्रालयों के अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों के निदेशकों और अन्य विशेषज्ञों सहित प्रतिष्ठित पेशेवरों के नेतृत्व में सत्रों में भाग लिया। इन सत्रों ने आयोग के कार्यों और मानव अधिकार उल्लंघनों से जुड़ी चुनौतियों के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षुओं ने तिहाड़ जेल, एसएचईओडब्ल्यूएस एनजीओ, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय हरित अधिकरण जैसे प्रमुख संस्थानों का क्षेत्रीय भ्रमण भी किया, जिससे उन्हें जमीनी हकीकत और मानव अधिकारसमर्थन के व्यावहारिक पहलुओं की प्रत्यक्ष जानकारी मिली।
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