राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में कोविड वारियर्स और हाउसकीपिंग स्टाफ द्वारा एक अत्याधुनिक सेमिनार हॉल का उद्घाटन
नई दिल्ली, 17 नवंबर, 2021
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक सेमिनार हॉल का उद्घाटन किया गया है। हॉल का उद्घाटन श्रीमती विमला, हाउसकीपिंग स्टाफ; श्री आर एन त्यागी, निजी सचिव, श्री मैथ्यू कुरियन, सहायक, कोविड योद्धाओं और श्री बलदेव प्रसाद, एमटीएस द्वारा किया गया।
इस अवसर पर एनएचआरसी के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, माननीय सदस्या श्रीमती ज्योतिका कालरा, माननीय सदस्य डॉ. डी. एम. मुले, महासचिव श्री बिंबाधर प्रधान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए श्रीमती विमला ने कहा कि इस हॉल का उद्घाटन करने और आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ मंच साझा करने का अवसर प्राप्त करना एक संविदा हाउसकीपिंग स्टाफ के लिए सौभाग्य की बात है।
श्री बलदेव प्रसाद ने कहा कि यह आयोजन इस तथ्य की पुष्टि करता है कि आयोग सभी मनुष्यों के अधिकारों को उनकी रैंक और स्थिति की परवाह किए बिना उचित मान्यता देता है।
श्री मैथ्यू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान उनके मानवीय भाव के कारण यह समय उनकी यादगार स्मृति बना रहेगा। श्री आर एन त्यागी ने कहा कि यह आयोजन आयोग के प्रत्येक कर्मचारी द्वारा याद किया जाएगा और इसने आशा और उम्मीदें जगाई हैं कि उनके कल्याण के मुद्दों को भी आयोग द्वारा संबोधित किया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी।
अध्यक्ष ने कहा कि यह निर्णय इस बात पर जोर देने के लिए लिया गया था कि मानवाधिकार सभी के लिए हैं और लोगों की स्थिति के अनुसार अलग-अलग नहीं हैं। उनके सम्मान और समानता के अधिकारों को मान्यता देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे साथी मनुष्यों की खातिर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने श्री इसम सिंह, उप पुलिस अधीक्षक, की एक कोविड योद्धा के रूप में की गई सेवाओं को भी याद किया, जो समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि नवीनतम गैजेट्स से लैस सेमिनार हॉल आयोग के कामकाज में मील का पत्थर है।
एनएचआरसी की सदस्या श्रीमती ज्योतिका कालरा, सदस्य डॉ. डी. एम. मुले, महासचिव श्री बिंबाधर प्रधान ने भी कोविड महामारी के दौरान अपने अनुभव और कर्मचारियों के योगदान को साझा किया। प्रत्येक गणमान्य व्यक्ति द्वारा इसकी सराहना की गई कि आयोग ने ऐसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों की अपनी टीम के साथ मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए काम करना जारी रखा।
श्रीमती कालरा ने कहा कि महामारी के दौरान अस्पतालों में उनका दौरा विशेष रूप से स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिकों को सामान्य रूप से होने वाली कठिनाइयों से संबंधित जमीनी स्थिति का आकलन करने का एक प्रयास था।
डॉ. मुले ने कहा कि कोविड महामारी ने हम सभी को मानवता के लिए खड़े होना और ऐसे अभूतपूर्व समय में संकट में पड़े लोगों की हर संभव मदद करना सिखाया।
श्री प्रधान ने कहा कि कोविड महामारी आयोग के प्रत्येक कर्मचारी की सहनशक्ति और प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए ऐसे कठिन समय के दौरान दूसरे इंसान का समर्थन कैसे कर सकता है, का एक परीक्षण था।
145 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला सेमिनार हॉल आने वाले दिनों में कम लागत पर विभिन्न सम्मेलनों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, बैठकों, प्रशिक्षण और इंटर्नशिप कार्यक्रमों को प्रभावी, कुशल और निर्बाध तरीके से आयोजित करने में एनएचआरसी की मदद करेगा।
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