राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री ए. के. मिश्रा का कहना है कि मानव अधिकारों पर लेख जागरुकता पैदा करने वाले तथा आगे के अध्ययन, शोध और लेखन के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले होने चाहिए।
नई दिल्ली, 16 अगस्त, 2021
न्यायमूर्ति श्री ए. के. मिश्रा, अध्यक्ष, एनएचआरसी, भारत ने आज आयोग के अंग्रेजी जर्नल 2021 के पुनर्गठित संपादकीय बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता की। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कि मानव अधिकारों पर लेख जागरुकता पैदा करने वाले तथा आगे के अध्ययन, शोध और लेखन के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग के इस वर्ष के अंग्रेजी जर्नल के लिए विषयों का चयन करते समय इस पहलू को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि एनएचआरसी अंग्रेजी जर्नल में लेखों के विषयगत क्षेत्रों को मानव अधिकारों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए लंबे समय में संदर्भ सामग्री के उद्देश्य की पूर्ति करनी चाहिए।
एनएचआरसी अंग्रेजी जर्नल आयोग का एक प्रतिष्ठित वार्षिक प्रकाशन है, जो जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर विभिन्न डोमेन विशेषज्ञों के शोध आधारित लेख प्रकाशित करता है। यह हर साल 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर जारी किया जाता है।
लेखों को आमंत्रित करने के लिए जिन विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें पर्यावरण संबंधी चिंताएं और जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 के संदर्भ में मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार, व्यापार और मानव अधिकार, प्रौद्योगिकी और गोपनीयता का अधिकार शामिल हैं।
इससे पहले, अपने उद्घाटन भाषण में, श्री बिंबाधर प्रधान, महासचिव, एनएचआरसी ने कहा कि आवश्यकता समकालीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की है, और तीसरी और चौथी पीढ़ी के मानव अधिकारों पर बोर्ड का ध्यान आकर्षित किया।
बैठक में संपादकीय बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया जिसमें एनएचआरसी सदस्य, न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, और श्रीमती ज्योतिका कालरा शामिल थे।
आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों संयुक्त सचिव श्रीमती अनिता सिन्हा और डॉ. एम.डी.एस. त्यागी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) एवं उनकी टीम ने भी बैठक में भाग लिया।
*****