राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मानव अधिकारों पर लघु फिल्‍मों के लिए अपनी सातवीं वार्षिक प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की : अंतिम तिथि 15 अक्‍टूबर, 2021



नई दिल्‍ली, 29 जुलाई, 2021

राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने मानव अधिकारों पर लघु फिल्‍मों के लिए अपनी सातवीं वार्षिक प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां मांगी हैं, जिसे अब तक जबरदस्‍त प्रतिक्रिया मिली है। सर्वश्रेष्‍ठ प्रथम, द्वितीय और तृतीय फिल्‍मों के लिए प्रमाण-पत्र के साथ नकद पुरस्‍कारों की पुरस्‍कार राशि को दोगुना कर क्रमश: 2 लाख रुपये, 1.50 लाख रुपये और 1 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रविष्टियां प्राप्‍त करने की अंतिम तिथि 15 अक्‍टूबर, 2021 है।

पुरस्‍कार योजना का उद्देश्‍य भारतीय नागरिकों, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, द्वारा मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में सिनेमाई और रचनात्‍मक प्रयासों को प्रोत्‍साहित करना और स्‍वीकार करना है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कोई शुल्‍क नहीं है और एक व्‍यक्ति द्वारा भेजी गई फिल्‍मों की संख्‍या पर कोई रोक नहीं है। हालांकि, प्रतिभागियों को प्रत्‍येक फिल्‍म को विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र के साथ अलग से भेजना होगा, जो आयोग लघु फिल्‍म प्रतियोगिता, 2021 की वेबसाइट www.nhrc.nic.in या लिंक ((एनएचआरसी शॉर्ट टर्म)) पर उपलब्‍ध है। आवश्‍यक दस्‍तावेजों के साथ फिल्‍में और प्रवि‍ष्टि पत्र गूगल ड्राइव का उपयोग करके nhrcshortfilm@gmail.com पर भेजे जा सकते हैं। लघु फिल्‍में अंग्रेजी या अंग्रेजी में उपशीर्षक के साथ किसी भी भारतीय भाषा में हो सकती हैं। लघु फिल्‍म की अवधि तीन मिनट से कम या 10 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। लघु फिल्‍म एनिमेशन सहित किसी भी तकनीकी प्रारूप में एक वृत्‍तचित्र, वास्‍तविक कहानियों का नाटकीयकरण या कल्‍पना का कार्य हो सकता है।

फिल्‍मों के वि‍षय अधिकारों के परिप्रेक्ष्‍य में जीवन के अधिकार, स्‍वतंत्रता, समानता और गरिमा के दायरे में, विभिन्‍न सामाजिक-आर्थिक, सांस्‍कृतिक और राजनैतिक अधिकारों पर आधारित हो सकते हैं। फिल्‍मों में बंधुआ और बाल श्रम, महिलाओं और बच्‍चों के अधिकार, बुजुर्गों के अधिकार, दिव्‍यांगों के अधिकार, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल का अधिकार, मौलिक स्‍वतंत्रता के मुद्दे, मानव तस्‍करी, घरेलू हिंसा, पुलिस अत्‍याचारों के कारण मानव अधिकारों का उल्‍लंघन, हिरासत में हिंसा और यातना, सामाजिक-आर्थिक असमानताएं, स्‍वदेशी लोगों के अधिकार, जेल सुधार, शिक्षा का अधिकार, स्‍वच्‍छ प‍र्यावरण का अधिकार, काम करने का अधिकार, कानून के समक्ष समानता का अधिकार, भोजन और पोषण सुरक्षा का अधिकार, एलजीबीटीआई के अधिकार, मानव निर्मित या प्रा‍कृतिक आपदा की वजह से विस्‍थापन के कारण मानव अधिकारों का उल्‍लंघन से संबंधित मुद्दों को कवर किया जा सकता है।

किसी भी प्रकार की जानकारी/सहायता के लिए उपनिदेशक (मीडिया एवं संचार), राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

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