राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मुंगेर में अनिवार्य पंजीकरण के बिना अवैध रूप से चल रही अधिकांश स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया



नई दिल्ली, 27 मई, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि राज्य सरकार द्वारा 2013 में पारित विशिष्ट कानून के बावजूद बिहार के मुंगेर जिले में बड़ी संख्या में अस्पताल, क्लिनिक और नर्सिंग होम बिना किसी पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे हैं। कथित तौर पर, जिले में चल रहे 40 निजी अस्पतालों में से केवल चार ही कानूनी रूप से पंजीकृत हैं।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है। तदनुसार, आयोग ने मुख्य सचिव, बिहार सरकार, सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, को क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे क्लिनिकल प्रतिष्ठानों के खिलाफ उठाए गए/उठाए जाने के लिए प्रस्तावित कदमों सहित चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है।

आयोग ने यह भी देखा है कि जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार बुनियादी मानवाधिकार हैं और नैदानिक प्रतिष्ठानों द्वारा इस तरह का गंभीर उल्लंघन, यदि सच है, तो यह चिंता का विषय है।

आज 27 मई, 2022 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूचना कथित तौर पर एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा एकत्र की गई है। कथित तौर पर, बिहार नैदानिक प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2013) के प्रावधानों के अनुसार, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का पंजीकरण अनिवार्य है और उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है।

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