राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी, उत्तर प्रदेश, डीएम, एसपी और चित्रकूट जेल अधिकारियों से चित्रकूट जेल में हुई गोलीबारी की घटना जिसके परिणामस्वरूप तीन मौतें हुई, पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी, उत्तर प्रदेश, डीएम, एसपी और चित्रकूट जेल अधिकारियों से चित्रकूट जेल में हुई गोलीबारी की घटना जिसके परिणामस्वरूप तीन मौतें हुई, पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की।
नई दिल्ली, 18/05/2021
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने डीजीपी, उत्तर प्रदेश, डीएम और एसपी, चित्रकूट और चित्रकूट जेल अधीक्षक को डीआईजी, जेल, प्रयागराज के माध्यम से चित्रकूट जेल में हुई गोलीबारी में तीन कैदियों की हत्या की शिकायतों पर आयोग की दिनांक 12/05/2010 के दिशा-निर्देशों के अनुसार मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट 10 सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। आरोप है कि 14 मई 2021 को एक कैदी ने कथित तौर पर एक जेलकर्मी से पिस्तौल छीन ली थी और दो अन्य कैदियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद जेल स्टाफ की जवाबी फायरिंग में वह कैदी भी मारा गया। आयोग ने अधिकारियों से रिपोर्ट में निम्नलिखित दस्तावेज शामिल करने के लिए कहा:
1. विस्तृत रिपोर्ट (कैदियों की मौत/मुठभेड़ के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए)
2. मुठभेड़ से पहले और बाद में पुलिस/बलों के प्रस्थान और आगमन सहित सभी प्रासंगिक जीडी प्रविष्टि या उद्धरण की प्रतियां
3. जब्ती ज्ञापन की प्रति
4. घायल पुलिसकर्मियों की एमएलसी रिपोर्ट, यदि कोई हो
5. मृतक व्यक्तियों के आपराधिक इतिहास का विवरण, यदि कोई हो (मृतकों के खिलाफ दर्ज मामलों की वर्तमान स्थिति सहित)
6. सभी विवरण देते हुए घटित दृश्य का साइट प्लान (मुठभेड़ के दौरान बलों/पुलिस और मृतकों की पोजीशनिंग सहित)
7. जांच रिपोर्ट
8. प्रत्येक मृतक की पोस्टमार्टम जांच रिपोर्ट (पीएमआर की टाइप कीे गई प्रति विशेष रूप से चोट के साथ प्रवेश-निकास/घाव के आरेख के साथ प्रदान की जानी चाहिए)। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि क्या ब्लैकिंग/चाररिंग/टैटू मौजूद था या नहीं
9. प्रत्येक मृतक के पोस्टमार्टम परीक्षण की वीडियो कैसेट/सीडी
10. गन पाउडर के अवशेषों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए मृतक के “हाथ धोने” की फोरेंसिक जांच का परिणाम
11. मृतक और उसके साथियों द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए हथियारों और गोला-बारूद की जांच पर बैलेस्टिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट
12. उगंलियों के निशान विशेषज्ञ की रिपोर्ट जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो कि क्या मौके पर जब्त किए गए हथियार पर मिले निशान पीड़ित की उगंलियों के निशान से मेल खाते हैं जिस पर बरामद हथियार चलाने के आरोप है या अन्यथा
13. जांच एजेंसी का विवरण और मामले की स्थिति
14. मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट (मृतक के परिवार के सदस्यों और अन्य स्वतंत्र गवाहों के बयान की प्रतियों सहित)
आयोग के समक्ष, यदि लागू हो तो, निम्नलिखित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएं:
1. मृत शरीर सौंपने के ज्ञापन की प्रति, यदि लागू हो
2. पहचान ज्ञापन की प्रति, यदि लागू हो
3. प्रासंगिक वायरलेस लॉग की प्रतियां
4. मृतक के रिश्तेदार या अन्य व्यक्तियों द्वारा फर्जी मुठभेड़़ में हत्या का आरोप लगाने/लोक सेवकों की ओर से लापरवाही संबंधी शिकायत पर की गई कार्रवाई
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राज्य मानव अधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश को भी उसके सचिव के माध्यम से इस मामले में उनके द्वारा संज्ञान लेने की तिथि, यदि कोई हो, सूचित करने के लिए कहा है।