न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत के सदस्य के रूप में शामिल हुए।
नई दिल्ली, 02 जून, 2021
न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, आज राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के सदस्य के रूप में शामिल हुए।
5 जनवरी, 1953 को जन्मे, न्यायमूर्ति कुमार ने 1977 में पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से एल.एल.बी.की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसी वर्ष बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा में दाखिला लिया और कानूनी अभ्यास शुरू किया। उन्होंने 1982 में इंग्लैंड के बर्मिघम विश्वविद्यालय से एल.एल.एम. की पढ़ाई पूरी की।
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के विधि विभाग में अतिथि संकाय के रूप में पढ़ाया। उन्हें 1991-92 के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया और बाद में अक्टूबर, 1995 से अपर महाधिवक्ता (पंजाब) के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्होंने 02 जुलाई, 2001 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और 08 जून, 2012 को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। जम्मू-कश्मीर में, उन्होंने जनहित से संबंधित कई जनहित याचिकाओं को निपटाया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, मेगा लोक अदालतों और कई अन्य परियोजनाओं के उपयोग को लोकप्रिय बनाया। उन्हें सितम्बर, 2014 में बाढ़ के दौरान भी अदालती कार्यवाही करने के लिए जाना जाता है। इसके बाद, न्यायमूर्ति कुमार ने कंपनी लॉ बोर्ड के अध्यक्ष और कंपनी लॉ बोर्ड के उन्मूलन पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
उन्होंने चण्डीगढ़ न्यायिक अकादमी और राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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