एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने कहा कि राज्‍य मानव अधिकार आयोग स्थानीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, ताकि एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन को निर्मित, विकसित और मजबूत किया जा सके।



नई दिल्ली, 17 फरवरी, 2022

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने आज राज्य मानव अधिकार आयोगों (एसएचआरसी) के साथ सामान्य कार्यक्रम समिति की पहली बैठक हाइब्रिड माध्‍यम से आयोजित की। इसकी अध्यक्षता एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने की। एनएचआरसी सदस्य, न्यायमूर्ति श्री एम. एम. कुमार, डॉ. डी. एम. मुले, श्री राजीव जैन, एसएचआरसी अध्यक्षगण, वैधानिक पूर्ण आयोग के प्रतिनिधिगण, महासचिव, श्री बिम्‍बाधर प्रधान, महानिदेशक (अन्‍वेषण), श्री संतोष मेहरा, रजिस्ट्रार (विधि), श्री सुरजीत डे, संयुक्त सचिव, श्रीमती अनीता सिन्हा और श्री हरीश चंद्र चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया और सुझाव दिए।

देश में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण हेतु तालमेल से काम करने के लिए एक कॉमन एक्‍शन प्रोग्राम विकसित करने के उद्देश्य से 13 अक्टूबर, 2021 को एनएचआरसी-एसएचआरसी की पिछली बैठक में कॉमन प्रोग्राम कमेटी का गठन किया गया था।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि मानव शक्ति, वित्तीय और बुनियादी ढांचे के संसाधनों के मामले में एसएचआरसी को मजबूत करना आवश्यक है और सभी एसएचआरसी से अनुरोध किया कि वे विशेष रूप से अपने मुद्दों का उल्लेख करें ताकि एनएचआरसी इन्‍हें संबंधित राज्य सरकारों के साथ उठा सके।

उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों से संबंधित कई क्षेत्र हैं जिनमें एसएचआरसी स्थानीय रूप से हस्तक्षेप कर सकता है। इनमें लोगों के जीवन के अधिकार के लिए खतरा पैदा करने वाले पर्यावरण क्षरण के मुद्दे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए जल, मिट्टी, नदी प्रदूषण और वनों की कटाई चिंता का विषय है। एसएचआरसी ऐसे मुद्दों को उजागर कर सकते हैं और एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन को निर्मित, विकसित और मजबूत करने में मदद करने के लिए जमीनी स्तर से जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए सुधारात्मक उपायों के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ इन मुद्दों को उठा सकते हैं।

कारागारों और सुधार गृहों में मानसिक स्वास्थ्य विंग के निर्माण, सभी आयोगों द्वारा मानव अधिकार ऐप शुरू करने, जैसा कि कुछ अन्य आयोगों द्वारा पहले ही लागू किया जा चुका है, शिकायतों के दोहराव को कम करने तथा तेजी से ट्रैकिंग और प्रोसेसिंग के लिए, सभी एसएचआरसी द्वारा एनएचआरसी के एचआरसीनेट पोर्टल पर बोर्डिंग सहित कई सुझाव दिए गए। इस तरह के संवादों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, एनएचआरसी अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए एक कॉमन एक्‍शन प्‍लान को अंतिम रूप देने के लिए सभी सुझावों को और बेहतर बनाया जाएगा।