अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा का संदेश



नई दिल्ली, 08 मार्च, 2022

"एनएचआरसी, भारत 'एक स्थायी कल के लिए आज की लैंगिक समानता' के लिए आज 8 मार्च, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उत्सव में राष्ट्र और वैश्विक बिरादरी के साथ शामिल हुआ।

समाज के सभी वर्गों के लिए समान अवसर और उनके मूल मानव अधिकारों तक पहुंच आवश्यक है, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाएं, जो दुनिया भर में मानव संसाधन का लगभग आधा हिस्सा हैं, राष्ट्रों के सतत विकास को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।

एनएचआरसी, भारत, भारत के संविधान की भावना के अनुरूप, महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में आवश्यक जागरूकता पैदा करने की दिशा में हमेशा काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में महिलाओं को हमेशा से ही उच्‍च आसन पर बैठाया जाता है; वे घर और राष्ट्र की निर्माता हैं।

एनएचआरसी ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानूनों में कमियों, यदि कोई हो, को दूर करने के लिए रचनात्मक सुझाव देना जारी रखा है, जिसमें समानता और सम्मान के साथ जीवन जीने का उनका अधिकार भी शामिल है। हालांकि, हमें महिलाओं के साथ घर से कार्यालय तक समान भागीदार के रूप में व्यवहार करना होगा।

न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज को सुनिश्चित करने के लिए केवल कानून ही परिणाम नहीं दे सकते। स्त्रियाँ सभी प्रकार से समान हैं और पैतृक सम्‍पत्ति में बेटों के साथ समान रूप से भागीदार हैं। यह आवश्यक है कि वे बड़े सपने देखें और उसे प्राप्त करने का प्रयास करें।

स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के पहलू समान महत्व के हैं और उन्हें त्याग की भावना से नहीं देखा जाना चाहिए।

आयोग इस महत्वपूर्ण दिन पर वैश्विक अभियान में शामिल होता है, जो दुनिया भर के समाजों को विशेष रूप से महिलाओं के संबंध में सभी के मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाता है।

जय हिन्द!

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