एनएचआरसी द्वारा अहमद नगर जिले में कारखानों के लिए गन्ना काटने के कार्य में लगी महिला मजदूरों की कथित दुर्दशा पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी



नई दिल्ली, 17 जनवरी, 2023

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने महाराष्ट्र में अहमद नगर जिले की श्रीगोंडा तहसील में कई चीनी कारखानों के लिए गन्ना काटने के कार्य में लगी महिला मजदूरों की दुर्दशा के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। उन में से दस प्रतिशत महिलाएं गर्भवतीहैं, लेकिन वे अपने वैध अधिकारों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सुनिश्चित लाभों से अनभिज्ञ हैं। उन्हें न तो कोई मातृत्व अवकाश एवं बाल देखभाल सुविधाएं प्रदानकी जाती हैं और न ही संबंधित विभागों द्वारा किसी प्रकार कापौष्टिक आहार दिया जाता है।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह असहाय गरीब महिला श्रमिकों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है।गरीब मजदूरों और बिना किसी विशेष देखभाल के काम के दौरान बच्चों को जन्मदेने वाली महिला श्रमिकोंसहित समाज के कमजोर वर्गों के वैध अधिकारों,जोकिकानून के तहत प्रत्याभूत हैं, की रक्षा करना राज्य का प्रमुख कर्तव्य है। तदनुसार, आयोग ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

11 जनवरी, 2023 को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीगोंडा के तालुका चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उनके पास लगभग 35 महिला मजदूरों का रिकॉर्ड है, जिन्होंने मौजूदा फसल के मौसम में बच्चों को जन्म दिया है।उन्होंने श्रीगोंडा तहसील के अंतर्गत आने वाले सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से संबंधित आंकड़े दिएऔर यह भी कहा है कि कारखानों और बागवानों के प्रबंधन के लिए यह आवश्यक है कि इन महिला मजदूरों के बीच पौष्टिक आहार, कुछ दिनों की छुट्टी और गर्भावस्था की अवधि के दौरान और प्रसव के बाद आवश्यक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जागरूकता पैदा की जाए।