एनएचआरसी, भारत विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में ग्लोबल साउथ के एनएचआरआई के वरिष्ठ स्तर के पदाधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर आईटीईसी कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
पृष्ठभूमि
प्रेस विज्ञप्ति
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
नई दिल्ली: 02 मार्च, 2025
एनएचआरसी, भारत विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में ग्लोबल साउथ के एनएचआरआई के वरिष्ठ स्तर के पदाधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर आईटीईसी कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
यह 6 दिवसीय कार्यक्रम 3 मार्च को नई दिल्ली में शुरू होगा
कार्यक्रम का उद्देश्य मानव अधिकारों के विभिन्न आयामों, अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्यों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना और विभिन्न एनएचआरआई के प्रतिभागियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एनएचआरसी, भारत के अनुभव को साझा करना है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत केंद्रीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के संयुक्त तत्वाधान में 3 से 8 मार्च, 2025 तक नई दिल्ली में ग्लोबल साउथ के राष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के वरिष्ठ स्तर के पदाधिकारियों के लिए मानव अधिकारों पर छह दिवसीय भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ग्लोबल साउथ के 14 देशों के एनएचआरआई के 47 प्रतिभागियों के इस कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है। इनमें मेडागास्कर, युगांडा, समोआ, तिमोर लेत्से, डीआर कांगो, टोगो, माली, नाइजीरिया, मिस्र, तंजानिया, मॉरीशस, बुरुंडी, तुर्कमेनिस्तान, कतर देश शामिल हैं। यह अनुकूलित कार्यक्रम भाग लेने वाले देशों के एनएचआरआई की आवश्यकता और पहले दिए गए फीडबैक के अनुरूप विकसित किया गया है। क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करने में विषय की जानकारी और विशेषज्ञता वाले प्रतिष्ठित स्रोत व्यक्ति होंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी.रामासुब्रमण्यन द्वारा सोमवार, 3 मार्च, 2025 को किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य मानव अधिकारों के विभिन्न आयामों, अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्यों के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा पिछले तीन दशकों में एनएचआरसी, भारत के अनुभव को साझा करना है, ताकि विभिन्न एनएचआरआई के प्रतिभागियों के बीच जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसका उद्देश्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना, सहयोग और नेटवर्किंग को बढ़ाना तथा व्यापक क्षमता निर्माण और अनुभव साझाकरण के माध्यम से मानव अधिकार संरक्षण तंत्र में सुधार करना है।
अपेक्षित परिणामों में मानव अधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय आयामों की बेहतर समझ विकसित करना, मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में एनएचआरसी, भारत के कार्य और इसकी सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुभव, जिसे अन्य एनएचआरआई द्वारा अपनाया जा सकता है, एनएचआरआई के बीच बेहतर नेटवर्किंग, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना और मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन में योगदान करने की क्षमता में वृद्धि करना शामिल है।
प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों और चिकित्सकों द्वारा व्याख्यान और संवादात्मक सत्रों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षत्रीय दौरों में शामिल किया जाएगा। यह पहल मानव अधिकारों के विभिन्न पहलुओं की समझ और सराहना बढ़ाने और एनएचआरआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच क्षमता निर्माण में मदद करने के लिए एनएचआरसी के प्रगतिशील जनसम्पर्क कार्यक्रमों का एक हिस्सा है।