राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में सार्वजनिक स्थानों पर दो बालकों के डूबने की कथित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया।



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली: 16 जुलाई, 2025

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, भारत ने दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में सार्वजनिक स्थानों पर दो बालकों के डूबने की कथित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया।

कथित तौर पर दोनों घटनाएँ सरकारी अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती हैं।

आयोग ने , दिल्ली के मामले में, मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है।

आयोग ने, ग्रेटर नोएडा की घटना में, जीएनडीए के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है।

अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने 7 जुलाई, 2025 को दिल्ली तथा एनसीआर के गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में दो बालकों के डूबने की कथित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया है। दिल्ली में यह घटना तब हुई जब कथित तौर पर उत्तर-पश्चिम जिले के महेंद्र पार्क इलाके में एक 4 वर्षीय लड़का खुले नाले में गिर गया और उसकी मौत हो गई। कथित तौर पर, हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में खुले नालों या मैनहोल में गिरकर लोगों की मौत के ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

दूसरी घटना में, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक पार्क के अंदर 6 वर्षीय बालक की जलाशय में डूबकर मौत हो गई। कथित तौर पर, निवासियों ने पार्क के फव्वारा क्षेत्र में जलभराव के बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (GNDA) को पहले ही सूचित कर दिया था, जहाँ यह घटना हुई, हालाँकि, संबंधित अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

आयोग ने पाया है कि दोनों घटनाओं में मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। इसलिए, दिल्ली में हुई घटना में, आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में हुई घटना में, आयोग ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNDA ) के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।