एनएचआरसी द्वारा नादेड़ और छत्रपति संभाजी नगर के दो सरकारी अस्पतालों में कई मरीजों की मौत की सूचना पर महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर, 2023

एनएचआरसी द्वारा नादेड़ और छत्रपति संभाजी नगर के दो सरकारी अस्पतालों में कई मरीजों की मौत की सूचना पर महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी

चार सप्ताह के भीतर जवाब अपेक्षित

आयोग द्वारा अस्पतालों का दौरा करने, कारणों का पता लगाने और उपचारात्मक उपाय सुझाने के लिए विशेष प्रतिवेदक नियुक्त

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने 4 अक्टूबर, 2023 की एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है, रिपोर्ट के अनुसार चौबीस घंटे के भीतर महाराष्ट्र के नांदेड़ और छत्रपति संभाजी नगर जिलों के दो सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो गई। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, इन अस्पतालों में कथित तौर पर चिकित्सा सहायता और आवश्यक दवाओं की कमी के कारण मरीजों की मौत हो गई है।

आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह सार्वजनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण पीड़ितों के जीवन और स्वास्थ्य से संबंधित मानव अधिकारों का उल्लंघन है, जो चिंता का विषय है। तदनुसार, महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों की अपेक्षित और वर्तमान संख्या के साथ बुनियादी ढांचे की स्थिति के साथ-साथ रोगियों के लिए उपलब्ध दवाओं और नैदानिक सुविधाओं की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए।

आयोग ने राज्य सरकार से उनके मुख्य सचिव के माध्यम से दोषी लोक सेवकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के साथ-साथ पीड़ित परिवारों को प्रदान की गई राहत और पुनर्वास की स्थिति के बारे में भी जानकारी देने को कहा है। आयोग भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण मौतों की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए या प्रस्तावित कदमों के बारे में भी जानना चाहेगा।

इसके अलावा, आयोग ने अपने विशेष प्रतिवेदक, श्री पीएन दीक्षित को नांदेड़ और छत्रपति संभाजी नगर में दो सरकारी अस्पतालों का दौरा करने के लिए कहा है, जहां ये मौतें हुई हैं। उनसे नवजात शिशुओं और अन्य लोगों की इतनी बड़ी संख्या में होने वाली मौतों की वजह और कारणों की पहचान करने की अपेक्षा है। वह डॉक्टरों और नर्सों की संख्या सहित दवाओं, ऑक्सीजन और चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लेने के अलावा स्वच्छता, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में कमियों की पहचान करने के लिए अस्पतालों के वार्डों, शौचालयों और परिसरों का निरीक्षण करेंगे और आठ सप्ताह के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट में उपचारात्मक उपाय सुझाएंगे।