एनएचआरसी ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए परामर्शी जारी की



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 26 सितंबर, 2023

एनएचआरसी ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए परामर्शी जारी की

किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की एकल ट्रांसजेंडर संतान को 'पारिवारिक पेंशन' और अन्य लाभों के लिए अविवाहित बेटी के रूप में मानें

सिविल सेवा नौकरियों में 'थर्ड जेंडर' को शामिल करने के अलावा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पैतृक कृषि भूमि विरासत में देने की अनुमति दें

सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जेंडर परिवर्तन सर्जरी या इसके लिए अनुदान की सिफारिश की गई

सभी सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय का प्रावधान किया जाए

न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को परामर्शी जारी की। आयोग ने एलजीबीटीआई मुद्दों पर विभिन्न हितधारकों और आयोग के कोर समूह के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह परामर्शी तैयार की है।

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अधिनियमन के माध्यम से मान्यता और कानूनी वैधता प्राप्त हुई है, जिसका उद्देश्य उनके अधिकारों का संरक्षण करना और उन्हें बनाए रखना है।

परामर्शी में, आयोग ने पाया है कि देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली प्राथमिक चिंताओं में से एक यह है कि कानूनी पहलों के बावजूद, वे रोजगार असमानताओं, स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच और सामाजिक दायरे से बहिष्कार जैसे विभिन्न स्थानों पर भेदभावों से जूझ रहे हैं।

आयोग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिवों, राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक पत्र में अपनी सिफारिशों को अक्षरश: लागू करने और दो माह के भीतर की गई कार्रवाई रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

परामर्शी में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार, समावेशिता, कल्याण और शिकायत निवारण तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों द्वारा कार्रवाई के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

कुछ महत्वपूर्ण सिफ़ारिशें इस प्रकार हैं;

• मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की एकल ट्रांसजेंडर संतान को पारिवारिक पेंशन और अन्य लाभों के लिए अविवाहित बेटी के रूप में माना जा सकता है;

• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पैतृक कृषि भूमि का उत्तराधिकार प्राप्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए;

• सरकारी योजनाओं और अन्य लाभों तक पहुंचने में मदद के लिए ट्रांसजेंडरों को बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र प्रदान किए जा सकते हैं;

• बीमा कंपनियों को दस्तावेज़ सत्यापन उद्देश्यों के लिए उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र पर विचार करने और स्वीकार करने की सलाह दी जा सकती है;

• संबंधित मंत्रालय को गरिमा गृह को आवंटित धनराशि समय पर जारी करना सुनिश्चित करना चाहिए;

• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 की धारा 10(1) के तहत ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना करें;

• शैक्षिक अभियानों के माध्यम से जनता को ट्रांसजेंडर-बच्चों के बारे में जागरूक करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ट्रांसजेंडरों के परिवार के सदस्यों तक पहुंचना;

• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों के मामलों की निगरानी के लिए राज्य में पुलिस महानिदेशक या उनके नामांकित व्यक्ति के तहत एक ट्रांसजेंडर संरक्षण सेल स्थापित करना;

• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के यौन उत्पीड़न की शिकायत से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं; • लैंगिक असमानता वाले छात्रों को धमकाने, उत्पीड़न या हिंसा के अन्य रूपों से संरक्षित करते हुए शैक्षणिक संस्थानों में हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक नीति तैयार की जानी चाहिए;

• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए जिला स्तर पर एक भेदभाव-निवारक/निरोधी सेल स्थापित की जानी चाहिए, और उनके खिलाफ पूर्वाग्रहों, भेदभाव, यौन शोषण और अन्य हिंसा के मुद्दों के समाधान के लिए शैक्षणिक संस्थानों में एक निगरानी समिति की स्थापना सुनिश्चित की जानी चाहिए;

• उच्च अध्ययन में ट्रांसजेंडर छात्रों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, और उन्हें डिग्री/डिप्लोमा/पीजी पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का उपयुक्त प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त शिक्षा का प्रावधान भी तैयार किया जाना चाहिए;

• जेंडर परिवर्तन सर्जरी के लिए परामर्श, उपचार, परामर्श के लिए प्रत्येक जिला नागरिक अस्पताल में प्रावधान के अलावा, ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परामर्श में सहायता के लिए जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड स्थापित किए जाने चाहिए;

• जो लोग सरकारी अस्पतालों में जेंडर परिवर्तन या मुफ्त जेंडर परिवर्तन सर्जरी का विकल्प चुनना चाहते हैं, उनके लिए उचित राशि का प्रावधान किया जाना चाहिए;

• विभिन्न सिविल सेवाओं में नौकरी चाहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय की पहचान श्रेणी के रूप में 'थर्ड जेंडर' को शामिल करना और उन्हें प्रवेश परीक्षाओं में आवेदन करने और उपस्थित होने में सक्षम बनाना चाहिए। इसके अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय के बीच राष्ट्रीय कैरियर सेवा पोर्टल का व्यापक प्रचार किया जाना है;

• सेक्‍सुअल ओरिएंटेशन और जेंडर पहचान पर अन्य कर्मचारियों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए। जिन संगठनों में ट्रांसजेंडर व्यक्ति कार्यरत हैं, उनके मुद्दों से निपटने के लिए एक शिकायत निवारण कक्ष स्थापित किया जाना चाहिए, जिसमें कम से कम एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हो;

• जिन प्रपत्रों में उम्मीदवारों को अपना जेंडर बताना होता है, उन्हें विकल्पों में एक श्रेणी के रूप में 'तीसरा जेंडर' प्रदान करना चाहिए;

• सभी सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय होने चाहिए। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक विशेष मंच प्रदान और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए वृद्धाश्रम सुविधाओं पर भी विचार करना चाहिए;

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की कल्याण गतिविधियों को कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची VII में स्पष्ट रूप से शामिल करने पर विचार कर सकता है, जो उन गतिविधियों की सूची प्रदान करता है जिन्हें कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के लिए व्यय करने के लिए शामिल किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए, लिंक

https://nhrc.nic.in/sites/default/files/Advisory%20for%20ensuring%20the%20welfare%20of%20Transgender%20Persons_Sep2023.pdf    पर क्लिक करें: