केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए आयोजित 28वीं एनएचआरसी वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता में सीआईएसएफ ने सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में रनिंग ट्रॉफी जीती



प्रेस विज्ञप्ति

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली, 15 दिसंबर, 2023

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए आयोजित 28वीं एनएचआरसी वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता में सीआईएसएफ ने सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में रनिंग ट्रॉफी जीती

इस अवसर पर एनएचआरसी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने कहा कि, कोई भी अधिकार कर्तव्यों के बिना नहीं आता

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने आज कहा कि कोई भी अधिकार कर्तव्यों के बिना नहीं आता है। न्यायमूर्ति मिश्रा नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए आयोजित 28वीं एनएचआरसी वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित कर रहे थे। वाद-विवाद प्रतियोगिता के विषय- “मानव अधिकार कर्तव्यों से स्वतंत्र हैं” का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कर्तव्य और अधिकार साथ-साथ चलते हैं। उन्होंने वाद- विवाद के विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि सशस्त्र बल राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता की रक्षा करने और विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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सीआईएसएफ ने हिंदी और अंग्रेजी में वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतिम चक्र में जीत हासिल कर ओवरऑल सर्वश्रेष्ठ टीम रोलिंग ट्रॉफी जीती। व्यक्तिगत सम्मानों में, हिंदी में वाद-विवाद के लिए प्रथम पुरस्कार सब इंस्पेक्टर डी. पी. तिवारी, सीआईएसएफ को और अंग्रेजी में संयुक्त रूप से राइफलवुमेन, रूथी मांडेहनियांग और अपर्णा महतो, असम राइफल्स को दिया गया। हिंदी में दूसरा पुरस्कार सब इंस्पेक्टर, डी.के. ठाकुर, सीआईएसएफ को और अंग्रेजी में राइफलवुमन, हृंगनी टोंगसिन, असम राइफल्स को दिया गया। हिंदी में तीसरा पुरस्कार लेडी सब इंस्पेक्टर, धीरज राठौड़, आरपीएफ को और अंग्रेजी में यह पुरस्कार सहायक कमांडेंट, ओम प्रकाश पाल, सीआईएसएफ को मिला। प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह के अलावा, प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमशः 12,000/- रुपये, 10,000/- रुपये और 8,000/- रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया।

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विजेताओं का निर्णय एनएचआरसी सदस्य श्री राजीव जैन, श्री कमल नयन चौबे, पूर्व डीजीपी, झारखंड और प्रोफेसर रणबीर सिंह, पूर्व कुलपति, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली और रूपा श्रीनिवासन, अतिरिक्त सदस्य, रेलवे बोर्ड की जूरी द्वारा किया गया।

एनएचआरसी के सदस्य श्री राजीव जैन ने कहा कि पुलिस कर्मियों के लिए संवेदनशीलता अनिवार्य है और वास्तव में उनके कर्तव्य के अनुरूप यह अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो। उन्होंने वाद -विवाद की उच्च गुणवत्ता की भी सराहना की जिसका जूरी के सभी सदस्यों ने समर्थन किया।

इससे पहले एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि सार्थक जीवन जीने के लिए संवेदनशीलता के साथ जवाबदेही जरूरी है। मानव अधिकारों की रक्षा के लिए पुलिसकर्मी सबसे पहले कर्तव्य निभाते हैं। उन्होंने एक प्रतिवादी के विचारों की सराहना की कि कर्तव्य के बिना अधिकार, आत्मा के बिना मनुष्य के समान है।

इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, श्री मनोज यादव, महानिदेशक, आरपीएफ, एनएचआरसी ने लगभग तीन दशकों से सीएपीएफ के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित करने में आयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुलिस बलों को आत्मनिरीक्षण और संवेदनशील बनाने का अवसर प्रदान करता है। श्री सुनील कुमार मीना, डीआइजी, एनएचआरसी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।